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    Plastic Bottle Health Impact: पुरानी प्लास्टिक की बोतल में पीते हैं पानी तो हो जाएं सावधान, धीरे-धीरे मौत आ रही करीब

    4 hours ago

    Plastic Bottle Chemicals Side Effects: प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने की आदत दिखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसका छिपा असर काफी बड़ा होता है. रोजमर्रा की भागदौड़ में हम अक्सर रास्ते में पानी की प्लास्टल-पैक्ड बोतल खरीद लेते हैं या फिर पुरानी बोतल को धोकर बार-बार इस्तेमाल करते रहते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो अब इसे रोकने का समय आ गया है. ये बोतलें देखने में भले हार्मलैस लगें, लेकिन इनमें छिपा खतरा हमारी सेहत और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंचा रहा है.

    सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन बोतलों से हमारे पीने के पानी में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच जाते हैं. माइक्रोप्लास्टिक ऐसे बेहद छोटे प्लास्टिक कण होते हैं, जो 5 मिमी से भी छोटे होते हैं. ये हमारे पानी के सोर्स में कई तरीकों से घुस जाते हैं, पुराने प्लास्टिक के टूटने से, कपड़ों के माइक्रोफाइबर बहने से और खुद बोतलों के घिसने-टूटने के कारण. आज हालत ये है कि समुद्र ही नहीं, नदियां, झीलें और यहां तक कि हवा भी माइक्रोप्लास्टिक से भरी पड़ी है.

    माइक्रोप्लास्टिक शरीर पर कैसे असर करते हैं?

    जब हम प्लास्टिक की बोतल से पानी पीते हैं, तो हम अनजाने में इन सूक्ष्म कणों को भी निगल लेते हैं. कई अंतरराष्ट्रीय स्टडीज में बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक पाए गए हैं, जिससे इनके स्वास्थ्य प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं उठी हैं. प्लास्टिक से जुड़े कुछ केमिकल तो शरीर में घुसकर और भी नुकसान करते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, मोटापा बढ़ना, इंसुलिन प्रतिरोध, प्रजनन क्षमता पर असर और कुछ मामलों में कैंसर तक. हालांकि इन कणों के लंबे समय तक असर पर रिसर्च जारी है, लेकिन अभी तक के प्रमाण बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक शरीर में सूजन, ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस, और हानिकारक रसायनों के ट्रांसफर का कारण बन सकते हैं.

    हम क्या कर सकते हैं?

    National Institutes of Health (NIH)ने इसको लेकर रिपोर्ट जारी की थी. चलिए आपको बताते हैं कि आप इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं. इसमें  सबसे पहले, प्लास्टिक की बोतल छोड़कर स्टील, ग्लास या बीपीए फ्री बोतलों का इस्तेमाल करें. दूसरा, ऐसे वॉटर फिल्ट्रेशन सिस्टम का उपयोग करें, जो पानी में मौजूद प्रदूषकों खासतौर पर माइक्रोप्लास्टिक को कम कर सके. हर फिल्टर परफेक्ट नहीं होता, लेकिन बेहतर टेक्नोलॉजी वाला फिल्टर माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा काफी घटा देता है.प्लास्टिक बोतलों से होने वाला पर्यावरणीय नुकसान भी किसी खतरे से कम नहीं है. हर एक इस्तेमाल के बाद फेंकी गई बोतल समुद्री जीवों, नदियों और पूरे इकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाती है और प्लास्टिक कचरे की समस्या को और बढ़ाती है.

    इसे भी पढ़ें: Tips For Regular Pooping: जॉब पर जाने से पहले कैसे एकदम साफ करें पेट? ये टिप्स करेंगे आपकी मदद

    Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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