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    West Bengal: SIR दस्तावेजों में की जालसाजी तो खैर नहीं! मिलेगी 7 साल की सजा और लगेगा जुर्माना

    1 week ago

    West Bengal News: पश्चिम बंगाल में SIR से जुड़े कार्यों में अब कोई दस्तावेज़ों में जालसाजी करता है तो उसे सज़ा देने का निर्देश आयोग ने दिया है. सात साल तक की कैद हो सकती है. इसके साथ ही जुर्माना भी हो सकता है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से इस संबंध में लिखित बयान जारी किया गया है.

    भारतीय न्याय संहिता की धारा 337 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति वोटर कार्ड, आधार कार्ड, जन्म-विवाह, मृत्यु प्रमाण पत्र, अदालत के दस्तावेज़, सरकारी कार्यालय के दस्तावेज़, किसी सरकारी कर्मचारी के जारी प्रमाण पत्र, या पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में जालसाजी करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ सात साल की सज़ा और जुर्माना हो सकता है.

    CEO के दफ्तर पर बार-बार हंगामा

    SIR को लेकर राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. आए दिन अलग-अलग शिकायतें और दावे किए जा रहे हैं, जिससे स्थिति गर्म है. इसी बीच, विरोध प्रदर्शन, रात भर धरना, नारेबाज़ी देखी गई. हाल ही में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में बार-बार हंगामा हुआ है. मंगलवार 9 दिसंबर को, ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित, नामखाना के BLO को लेकर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सामने तृणमूल समर्थक BLO-संगठन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. 

    इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में SIR से जुड़े एक मामले में चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि पश्चिम बंगाल में CEO के कार्यालय का घेराव किया जा रहा है. जगह-जगह जिला अधिकारियों के कार्यालयों का घेराव किया जा रहा है. राज्य सरकार को हमारा सहयोग करना चाहिए और हमें सुरक्षा देनी चाहिए. अगर राज्य सरकार इनकार करती है तो हमें पुलिस को प्रतिनियुक्ति पर लेना होगा. अगर हम स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं तो केंद्रीय बल लेना होगा. 

    SIR के काम के दबाव के कारण ब्रेन स्ट्रोक हुआ

    SIR के दौरान ही अचानक बीमार पड़ गए, मातंगिनी हाजरा बालिका विद्यालय के प्रिंसिपल देबाशीष दास. जो दक्षिण 24 परगना के, नामखाना ब्लॉक के 276 नंबर बूथ के BLO के रूप में काम कर रहे थे. परिवार ने आरोप लगाया कि SIR के काम के दबाव के कारण उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ है. इसके बाद, SSKM मेडिकल कॉलेज अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट में उनका इलाज चल रहा था. मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, एम्बुलेंस से बीमार BLO को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सामने ले जाया गया. वहां, तृणमूल समर्थक BLO-ओं के संगठन BLO अधिकार रक्षा समिति ने विरोध प्रदर्शन किया.

    सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया

    इस बीच, पश्चिम बंगाल में BLO की सुरक्षा की मांग को लेकर दायर एक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. SIR में शामिल BLO और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर नोटिस दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से पूछा, "SIR में शामिल BLO और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?"

    जवाब में आयोग ने कहा, "BLO और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा के लिए राज्य को पत्र लिखा गया है." सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से आगे कहा, "इस समय आयोग के लिए बूथ लेवल अधिकारी काम कर रहे हैं. आयोग के लिए काम करने वाले BLO को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी आपकी ही है." 

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