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    शेयर बाजार टमाटर की तरह लाल, निवेशकों के डूबे 8 लाख करोड़, जानें क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट

    3 hours ago

    Indian Stock Market Fall: भारतीय शेयर मार्केट में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 8 दिसंबर को जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. दोनों ही प्रमुख बेंचमॉर्क इंडेक्स टमाटर की तरह लाल हो गए है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रेपो ब्याज दरों की कटौती, बैंकों को करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी सपोर्ट देने के बाद भी आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि, भारतीय शेयर बाजार क्रैश हो गया.

    शेयर बाजार में ऐसी गिरावट आई कि कुछ ही घंटों में निवेशकों का करीब 8 लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गया. आरबीआई के सपोर्ट के बाद निवेशकों ने उम्मीद लगाई थी कि, सोमवार को बाजार में तेजी हो सकती है. हालांकि, ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला...

    शेयर बाजार का हाल 

    सोमवार की दोपहर करीब 2:50 बजे, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स 700.58 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,011.79 अंक तो वहीं, एनएसई निफ्टी 50 262.40 अंक या 1.00 फीसदी फिसलकर 25,924.05 के लेवल पर कारोबार कर रही थी. 

    बाजार में आई इस गिरावट की वजह

    1. अमेरिकी फेड ब्याज कटौती को लेकर सतर्कता

    आगामी 9 और 10 दिसंबर को अमेरिकी फेड की दो दिवसीय बैठक को लेकर निवेशक सर्तक रूख अपना रहे हैं. बैठक के नतीजों का प्रभाव वैश्विक स्तर पर हो सकता है. जिससे कारण निवेशक सोच-समझ कर निवेश की योजना बना रहे हैं. 

    2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

    विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा नहीं दिखा रहे हैं. शुक्रवार के कारोबारी दिन विदेशी निवेशकों ने लगातार सातवें दिन शेयरों की बिकवाली की. शुक्रवार को 438.90 करोड़ रुपये बाजार से निकाले.

    दिसंबर महीने की बात करें तो, अब तक निवेशकों ने 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की है. विदेशी निवेशकों की निकासी का असर शेयर बाजार में देखने को मिला और यह लाल हो गया.  

    3. रुपये में आ रही लगातार गिरावट 

    सोमवार के कारोबारी दिन की शुरुआत में डॉलर की तुलना में रुपया 16 पैसे फिसलकर 90.11 पर आ गया. साथ ही पिछले कुछ दिनों से रुपया लगातार कमजोर हो रहा है.बाजार में गिरावट की यह भी एक वजह हो सकती है.

    4. कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाड़ी देशों का ब्रेंट क्रूड 0.13 फीसदी बढ़कर 63.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारत के आयात खर्च और ईंधन महंगाई को प्रभावित करती हैं. जिसके कारण शेयर बाजार में सतर्कता का माहौल बनता है. 

    डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

    यह भी पढ़ें: होम लोन डिमांड में जबरदस्त उछाल! SBI का हाउसिंग पोर्टफोलियो 9 लाख करोड़ के पार

     

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