Search

    Language Settings
    Select Website Language

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policy, and Terms of Service.

    dailyadda

    Nishkalank Mahadev Mandir: आखिर क्या है समुद्र के बीच स्थित निष्कलंक महादेव मंदिर का रहस्य?

    1 week ago

    Nishkalank Mahadev Mandir: गुजरात के भावनगर जिले के पास कोलियाक गांव में स्थित निष्कलंक महादेव मंदिर एक बेहद अनोखा और प्रसिद्ध शिव मंदिर है. यह मंदिर कोलियाक समुद्र तट से करीब एक किलोमीटर अंदर समुद्र के बीच स्थित है.

    समुद्र में गुप्त निष्कलंक मंदिर

    भारत में ऐसे बहुत कम मंदिर हैं जो समुद्र के भीतर बने हों. इसलिए यह जगह भक्तों के लिए बेहद खास मानी जाती है. निष्कलंक मंदिर सामान्य दिनों में पूरी तरह पानी में डूबा रहता है और केवल इसके ऊपर लहराती ध्वज-पताका ही दिखाई देती है. इसी कारण इसे गुप्त तीर्थ भी कहा जाता है.

    जब समुद्र में भाटा पड़ता है और पानी पीछे हट जाता है, तभी यह मंदिर दिखाई देता है और भक्त तट से करीब 500 मीटर पैदल वहां तक जाकर दर्शन कर पाते हैं.

    पौराणिक कथा और शिवलिंगों की मान्यता

    कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कुरुक्षेत्र के महायुद्ध के बाद पांडवों ने करवाया था. युद्ध में अपने ही भाइयों कौरवों का वध करने के कारण पांडव बहुत दुखी  थे. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से अपने पापों से मुक्ति पाने का उपाय पूछा.

    तब श्रीकृष्ण ने उन्हें एक काला ध्वज और एक काली गाय दी और कहा कि इनका पीछा करो. जिस स्थान पर ध्वज और गाय दोनों सफेद हो जाएं, वही तुम्हारे पापों के समाप्त होने का स्थान होगा.

    लंबे समय तक चलते हुए पांडव जब कोलियाक तट पर पहुंचे, तो ध्वज और गाय दोनों सफेद हो गए. पांडवों ने वहीं भगवान शिव की कठोर तपस्या की. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव पांच स्वयंभू शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए.आज भी वही पांच शिवलिंग मंदिर में स्थापित हैं और उनके सामने नंदी की मूर्तियाँ रखी हुई हैं.

    दर्शन से होते हैं पाप मुक्त

    निष्कलंक महादेव मंदिर में पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां सच्चे मन से प्रार्थना करने पर सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. मन को शांति मिलती है.  जब शिवलिंग पानी से बाहर आते हैं, तब बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं.

    मंदिर में पारंपरिक तरीके से पूजा, जलाभिषेक और प्रसाद अर्पित किया जाता है. समुद्र के बीच स्थित यह मंदिर न केवल भगवान शिव की महिमा का प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों के धैर्य की भी परीक्षा लेता है. इस मंदिर में आने वाले भक्तों की यही मंशा रहती है कि यहां दर्शन कर हम पाप मुक्त हो सकते हैं.

    Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

    Click here to Read More
    Previous Article
    Katha Vachak Wife: जाने देश के मशहूर कथावाचकों की निजी जिंदगी, कौन है उनकी पत्नियां क्या करती हैं काम!
    Next Article
    घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?

    Related लाइफस्टाइल Updates:

    Are you sure? You want to delete this comment..! Remove Cancel

    Comments (0)

      Leave a comment