SEARCH

    Language Settings
    Select Website Language

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    मकान मालिकों की मनमानी पर लगाम, अब इतने महीने से ज्यादा सिक्योरिटी नहीं ले सकेंगे

    1 day ago

    New Rules For Security Deposit: देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास खुद का मकान नहीं होता. उन्हें किराये के घरों में रहना पड़ता है. तो वहीं कई लोग ऐसे होते हैं जो काम या किसी और वजह से दूसरे शहर में रहते हैं.  वहां उन्हें किराए के घर में रहना पड़ता है. लेकिन किराए पर रहने वालों के लिए कई चीजें ऐसी है. जो उनके लिए अक्सर परेशानी का सबब बनते देखी हैं. 

    इनमें सबसे आम दिक्कत यही रहती है कि मकान मालिक अपनी मर्जी से सिक्योरिटी मनी और किराया तय कर देते हैं. कहीं 5–6 महीने की सिक्योरिटी मांग ली जाती है. तो कहीं बिना बताए किराया बढ़ जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब सिक्योरिटी डिपाॅजिट मकान मालिक अपनी मर्जी के हिसाब से नहीं मांग पाएंगे. सरकार ने इसका बंदोबस्त कर दिया है. 

    सिक्योरिटी डिपॉजिट में मनमानी नहीं हो पाएगी

    अभी देश में कई मकानमालिक ऐसे हैं जो सिक्योरिटी डिपॉजिट  के तौर पर मनचाही रकम वसूलते हैं. इसी को रोकने के लिए सरकार Model Tenancy Act को पूरे देश में लागू करने पर जोर दे रही है. नए रेंट रूल्स 2025 में साफ कर दिया गया है कि अब सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा तय होगी. किराया मनमाने तरीके से नहीं बढ़ेगा और किसी को बिना वजह घर से बेदखल नहीं किया जा सकेगा. यह बदलाव किराएदारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. 

    यह भी पढ़ें: गांव में बैठकर शुरू करें ये स्मार्ट बिजनेस, कुछ ही महीनों में बन सकते हैं लखपति

    नए नियम के तहत रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए अधिकतम 2 महीने का किराया ही सिक्योरिटी के तौर पर रखा जा सकता है. वहीं दुकानों और ऑफिस जैसे कमर्शियल स्पेस के लिए यह सीमा 6 महीने तय की गई है. इससे किराएदारों पर अचानक भारी रकम जमा करने का दबाव कम होगा और रेंट पर घर लेना पहले से आसान होगा. अक्सर लोग सिक्योरिटी के नाम पर ही रेंट लेने से पीछे हट जाते थे.

    बिना लिखित एग्रीमेंट रेंट नहीं मिलेगा

    Model Tenancy Act के बाद लिखित रेंट एग्रीमेंट अब मैंडेटरी हो गया है. इसमें किराया, उसकी बढ़ोतरी, मरम्मत की जिम्मेदारी, नोटिस पीरियड और रेंटल अवधि जैसी बातें साफ लिखी होंगी. एग्रीमेंट बनने के 60 दिन के भीतर इसे रेंट अथॉरिटी में जमा करना जरूरी होगा.

    यह भी पढ़ें: निवास प्रमाण पत्र अब मिनटों में बन जाएगा, जान लें इसके लिए किन दस्तावेजों की होगी जरूरत

    इसके साथ राज्यों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी बनाना होगा. जहां रेंट एग्रीमेंट डिजिटल रूप में रजिस्टर किया जाएगा. यह रिकॉर्ड कानूनन मान्य होगा और किसी विवाद में यही सबसे बड़ा सबूत बनेगा. इससे किराएदार और मकान मालिक दोनों को पारदर्शिता मिलेगी जिससे बाद में कोई भी पक्ष अपनी मर्जी से शर्तें नहीं बदल पाएगा.

    यह भी पढ़ें: 10 लाख से ऊपर की कार खरीदने पर सरकार देती है आपको पैसा, ये वाला नियम जान लेंगे तो होगा फायदा

    Click here to Read More
    Previous Article
    1 दिसंबर से नहीं आ रही पेंशन तो क्या करें, कैसे दोबारा मिलने लगेगा पैसा?
    Next Article
    गोरखपुर–छपरा रूट की कई ट्रेन रद्द तो कई ट्रेनों के रूट बदले गए, सफर से पहले ये अपडेट जरूर देख लें

    Related यूटिलिटी Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment