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    पीक से 80 परसेंट नीचे, 60 परसेंट तक गिरा भाव; Ola Electric के शेयरों के चल रहे बुरे दिन

    12 hours ago

    Ola Electric Share Crash: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) के शेयरों के आजकल बुरे दिन चल रहे हैं. साल 2025 में ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. अगस्त 2024 में लॉन्च हुए IPO की कीमत से यह लगभग 60 परसेंट तक गिर चुका है और 26 दिसंबर 2024 को पहुंचे अपने 52-हफ्तों के हाई लेवल से 80 परसेंट से ज्यादा लुढ़क गया है. हालांकि, शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में लगभग 10 परसेंट की तेजी देखने को मिली थी.  

    शुक्रवार को 10 परसेंट उछला था भाव

    बीते शुक्रवार को ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर उछलकर 34.40 रुपये पर पहुंच गए, जो पिछले बंद भाव 31.28 रुपये से 10 परसेंट ज्यादा है. शेयरों में यह तेजी तब आई, जब कंपनी ने फाउंडर और CEO भाविश अग्रवाल के कर्ज चुकाने और प्रोमोटरों के गिरवी रखे गए शेयरों को हटाने के लिए अपने शेयरों का एक छोटा सा हिस्सा बेचने का ऐलान किया.

    कंपनी ने बताया कि भाविश अग्रवाल ने लगभग 260 करोड़ रुपये का प्रमोटर-लेवल का लोन पूरी तरह से चुकाने के लिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच दी है. इस उछाल के बाद निवेशक यह सोचने के लिए मजबूर हो गए कि क्या वाकई में ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों का बुरा दौर खत्म हो गया है या फिर यह एक छोटा सा ब्रेक है. 

    क्यों लगातार तीन दिन आई गिरावट?

    शुक्रवार से पहले के तीन सेशन में शेयर में 16 परसेंट की गिरावट आई थी. इसकी वजह थी भाविश अग्रवाल की शेयरों की ताबड़तोड़ बिक्री. बीते तीन कारोबारी सेशन में भाविश ने 96,460,454 शेयर बेच दिए, जो कंपनी में 2.2 परसेंट की हिस्सेदारी के बराबर है. इस डील के एवज में भाविश को 324.45 करोड़ रुपये मिले, जिसका इस्तेमाल 260 करोड़ रुपये के लोन को चुकाने और प्रोमोटरों के गिरवी रखे गए शेयरों को खत्म करने के लिए किया गया.

    सुसाइड मामले में नया खुलासा

    इस बीच, ओला इलेक्ट्रिक के इंजीनियर के. अरविंद की कथित आत्महत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) की जांच में यह पाया गया है कि सुसाइड नोट पर मिले फिंगरप्रिंट्स फॉरेन्सिक जांच में अरविंद के फिंगरप्रिंट्स से मैच हो गए हैं. अरविंद 28 सितंबर, 2025 को बेंगलुरु में अपने घर में मृत पाए गए थे. वह 30 साल के थे. 28 पेज के सुसाइड नोट में अरविंद ने वर्कप्लेस में उत्पीड़ का जिक्र किया था. नोट में CEO भाविश अग्रवाल का भी नाम लिया गया था. ऐसे में इस नए खुलासे से उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं और शेयर फिर से दबाव में आ सकते हैं.

    डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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