Search

    Language Settings
    Select Website Language

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policy, and Terms of Service.

    dailyadda

    PAK, बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार... भारत को चौतरफा घेरने की प्लानिंग में जुटा ड्रैगन; पेंटागन की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

    3 days ago

    अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन अपनी आर्मी को भारत के करीब तैनात करने की कोशिश कर रहा है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए भारत के करीब चार पड़ोसी देशों में बेस बनाने की तैयारी हो रही है. यह चार देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार हैं, जहां अतिरिक्त सैन्य सुविधाएं या लॉजिस्टिक्स बेस बनाए जाएंगे. इससे जल, थल और नभ सेनाओं की ताकत बढ़ेगी. लंबी दूरी तक सेना की पहुंच बढ़ेगी और समुद्री रास्ते सुरक्षित होंगे.

    भारत के आसपास सेना बढ़ाने की कोशिश में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पहले से ही जिबूती में अपना एकमात्र विदेशी सैन्य अड्डा चला रहा है और कंबोडिया के रीम नेवल बेस पर पहुंच बना चुका है. अब वह दुनियाभर के करीब दर्जन भर देशों में ऐसे बेस बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसमें भारत के पड़ोसी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सुविधाएं PLA को नौसेना, वायुसेना और जमीन की ताकत को दूर तक पहुंचाने और बनाए रखने में मदद करेंगी.

    भारत के पड़ोसी देशों में हो क्या रहा है?

    • पाकिस्तान: ग्वादर नौसैनिक अड्डा पहले से ही चीन के साथ मिलकर बन रहा है. चीन ने पाकिस्तान को 35 J-10C फाइटर जेट्स की डील दी है. हैंगोर क्लास सबमरीन, युद्धपोत और 5th जनरेशन का FC-31 फाइटर जेट, J-10 फाइटर जेट्स जैसे और जेट्स ऑफर किए हैं. JF-17 फाइटर जेट्स की जॉइंट मैन्युफैक्चरिंग भी चल रही है.
    • बांग्लादेश: चीन यहां सैन्य अड्डा बनाने पर विचार कर रहा है. बांग्लादेश J-10C फाइटर जेट्स खरीदने में रुचि दिखा रहा है. पाकिस्तान ने इन्हें भारत के राफेल के खिलाफ इस्तेमाल किया था. चीन ने बांग्लादेश को VT-5 लाइट टैंक, दो मिंग क्लास सबमरीन और दो युद्धपोत 2024 दिए हैं. शेख हसीना के समय से ही चीन के साथ सैन्य संबंध मजबूत थे, जो यूनुस सरकार में भी जारी हैं.
    • श्रीलंका और म्यांमार: इनमें सामान्य सैन्य सुविधाएं या लॉजिस्टिक्स बेस बनाने की योजना है, जो PLA की ताकत बढ़ाने में मदद करेंगी.

    चीन को किस बात की चिंता है?

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की सबसे बड़ी चिंता मलक्का स्ट्रेट है, जहां अमेरिका और भारत की नौसेना से घेराबंदी का खतरा है. चीन को होर्मुज स्ट्रेट और अफ्रीका-मध्य पूर्व के समुद्री रास्तों की सुरक्षा की भी चिंता है. इसके अलावा अंगोला, क्यूबा, गिनी, इंडोनेशिया, केन्या, मोजाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, पापुआ न्यू गिनी, सेशेल्स, सोलोमन आइलैंड्स, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, UAE और वानुअतु जैसे देशों में भी बेच बनाने पर चर्चा हो रही है.

    चीन की हरकत से भारत पर क्या असर पड़ेगा?

    पेंटागन का कहना है कि चीन पाकिस्तान के साथ सैन्य संबंध मजबूत करके भारत-अमेरिका की बढ़ती दोस्ती को काउंटर कर रहा है. हालांकि, मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकातों के बाद LAC पर तनाव कम करने, वीजा सेवाएं शुरू करने जैसे कदम भी उठाए गए हैं. लेकिन अरुणाचल प्रदेश को चीन अपने 'कोर इंटरेस्ट' में शामिल कर रहा है.

    इस रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और वैश्विक पहुंच पर लगातार नजर रख रहा है. चीन ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये सुविधाएं चीन की 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीति का हिस्सा हैं, जो भारत के चारों ओर घेराबंदी बनाने की कोशिश है.

    Click here to Read More
    Previous Article
    फुकुशिमा परमाणु संयंत्र शुरू करने की तैयारी में जापान: बीजिंग ने दी सलाह- पिछले हादसों से सबक लें
    Next Article
    कनाडा में भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या, पुलिस को शक- अब्दुल गफूर के साथ रिलेशन में थी

    Related विश्व Updates:

    Are you sure? You want to delete this comment..! Remove Cancel

    Comments (0)

      Leave a comment