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    क्यों क्रेडिट कार्ड के लिए पीछे पड़े रहते हैं बैंक वाले? जानें कैसे होती है इससे उनकी कमाई

    5 days ago

    Credit card: मॉल में या शॉपिंग सेंटर में आपको लोग क्रेडिट कार्ड के लिए अप्रोच करते हुए दिख जाएंगे. इसके अलावा, फोन पर भी समय-समय पर क्रेडिट कार्ड के लिए कॉल आता रहता है. आखिर क्यों क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक ग्राहकों से संपर्क करता है, क्यों लोगों को अकसर क्रेडिट कार्ड के फायदे गिनाकर इसके लिए अप्लाई करने के लिए कहा जाता है? आखिर इससे बैंक को क्या फायदा है? आइए आपको बताते हैं.

    तेजी से बढ़ रहा क्रेडिट कार्ड बिजनेस

    भारत में क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस पर बैंक की तरफ से तरह-तरह के ऑफर्स भी दिए जाते हैं. क्रेडिट कार्ड का मतलब है यूजर इसके जरिए मार्केट में कहीं से भी कोई भी चीज क्रेडिट पर ले सकता है. पेमेंट के लिए लगभग 45 दिन का वक्त मिलता है. समय पर पेमेंट करने पर कैशबैक और रिवॉर्ड भी मिलते हैं. इससे यूजर को तो फायदा पहुंचता ही, लेकिन बैंक भी मुनाफे में रहता है. 

    कैसे बैंक की होती है कमाई? 

    RBI की डेटा के मुताबिक, भारत में 2025 की शुरुआत तक देश में  एक्टिव क्रेडिट कार्ड की संख्या 11 करोड़ से ज्यादा हैं. क्रेडिट कार्ड बैंकों के लिए एक बिजनेस मॉडल की तरह है, जो इंटरेस्ट रेट और दूसरे चार्ज से प्रॉफिट कमाते हैं. कई बार समय पर इंटरेस्ट नहीं चुकाने पर बकाए पेमेंट पर 15-40 परसेंट तक इंटरेस्ट वसूला जाता है.

    इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड एनुअल रिन्यूअल फीस, लेट पेमेंट फीस, इंटरचेंज फीस, कैश एडवांस फीस, बैलेंस ट्रांसफर फीस, EMI कन्वर्जन फीस के नाम भी बैंक की क्रेडिट कार्ड से अच्छी-खासी कमाई हो जाती है. यही वजह है कि बैंक कस्टमर्स की संख्या बढ़ाने और कन्ज्यूमर एक्सपेंस को बढ़ाने पर जोर देता है.  

    क्या होता है इंटरचेंज फीस? 

    जब आप क्रेडिट कार्ड से कोई सामान खरीदते हैं, तो बैंक उस मर्चेंट या दुकानदार से भी ट्रांजैक्शन का 1-3 परसेंट कमीशन लेता है. इसे ही इंटरचेंज फीस कहते हैं. इससे बैंक की कमाई होती है. 

    कैश एडवांस फीस किसे कहते हैं?

    जब आप क्रेडिट कार्ड से ATM या बैंक से पैसे निकालते हैं, तो विदड्रॉल अमाउंट पर 2.5-5 परसेंट तक की फीस ली जाती है और तो और इस पर तुरंत इंटरेस्ट लगना भी शुरू हो जाता है यानी कि कोई ग्रेस पीरियड नहीं मिलता. मतलब ब्याज उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है और कोई छूट नहीं मिलती है. मान लीजिए कि आपने 10000 रुपये का एडवांस कैश निकाला है और इस पर अगर 3 परसेंट फीस ली जाती है, तो बैंक ट्रांजैक्शन फीस के नाम पर तुरंत 300 रुपये कमा लेगी. ऊपर से ब्याज से अलग कमाई होगी.   

    बढ़ रहा क्रेडिट कार्ड से खर्च

    जनवरी 2025 में भारत में क्रेडिट कार्ड से खर्च 10.8 परसेंट बढ़कर 1.84 ट्रिलियन रुपये (1,84,000 करोड़ रुपये) हो गया, हालांकि यह पिछले महीने के मुकाबले थोड़ा कम था. क्रेडिट कार्ड यूजर्स को कई फायदे देते हैं, जैसे रिवॉर्ड स्कीम, कैशबैक, ट्रैवल पर डिस्काउंट और क्रेडिट स्कोर बनाने का मौका. आजकल कई भारतीय क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके अपनी क्रेडिट हिस्ट्री बना रहे हैं, जो भविष्य में लोन लेने के लिए जरूरी है.

    अगर आप बिल का पेमेंट रेगुलर करते हैं, तो इससे आपकी क्रेडिटवर्थनेस बेहतर होती है. कैशबैक और लॉयल्टी पॉइंट्स जैसी रिवॉर्ड स्कीम कस्टमर्स को बार-बार खर्च करने के लिए बढ़ावा देती हैं. हालांकि, क्रेडिट कार्ड के गलत इस्तेमाल के बढ़ते मामलों को देखते हुए, RBI और बैंक अपने नियमों को सख्त कर रहे हैं ताकि यह बिजनेस लंबे समय तक चल सके.

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