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    चाहकर भी इस AI स्टॉक से नजर नहीं फेर पा रहे निवेशक, 55000 का तगड़ा रिटर्न देकर मचा दी खलबली

    6 days ago

    RRP Semiconductor Share: महज दो कर्मचारियों के दम पर चल रही एक छोटी सी कंपनी ने शेयर बाजार में ऐसा तहलका मचाया कि निवेशकों की आंखें फटी की फटी रह गईं. दुनिया की सबसे बड़ी स्टॉक मार्केट गेनर बनने में इसे दो साल से भी कम समय लगा.

    15000 करोड़ रुपये की मार्केट कैप वाली कंपनी RRP सेमीकंडक्टर ने 17 दिसंबर तक सिर्फ 20 महीनों में 55000 परसेंट का रिटर्न देकर सबको चौंका दिया है. इसी के साथ यह दुनियाभर में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा मार्केट वैल्यू वाली कंपनियों में सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाले स्टॉक में से एक बन गई है. शेयरों में आई तेजी ने सोशल मीडिया से लेकर ट्रेडिंग फोरम पर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. 

    नाम बदलते ही सरपट भागा स्टॉक

    पहले RRP सेमीकंडक्टर को GD ट्रेडिंग एंड एजेंसीज के नाम से जाना जाता था. फिर कंपनी ने भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर की बढ़ती मांग और सरकार की PLI स्कीम्स को देखते हुए अपना नाम बदला और इसकी रीब्रांडिंग एक सेमीकंडक्टर कंपनी के तौर पर की. तब से इसके स्टॉक में जबरदस्त उछाल आया है. इस बीच कई बार इसके शेयरों में अपर सर्किट लगता रहा है.

    एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, लगातार 149 ट्रेडिंग सेशन में इसमें अपर सर्किट लगता रहा. हालांकि, बावजूद इसके कंपनी का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस कमजोर बना हुआ है. जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू में गिरावट आई और लगभग 7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.  पिछले 12 महीनों में लगभग 14 करोड़ रुपये की बिक्री होने के बावजूद कंपनी घाटे में रही.

    क्यों कंपनी में सिर्फ दो ही कर्मचारी? 

    कंपनी को लेकर एक और हैरान करने वाली बात यह है कि अधिक वैल्यूएशन लेवल पर ट्रेड करने के बावजूद कंपनी में सिर्फ दो ही फुल-टाइम कर्मचारी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले यह एक ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट फर्म के रूप में काम करती थी इसलिए इसे ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत नहीं थी. भले ही कंपनी ने अपना नाम बदल दिया है, लेकिन सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी अभी तक शुरू नहीं की है इसलिए फिलहाल दो ही कर्मचारी काफी हैं.

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टॉक का प्राइस-टू-बुक रेश्यो इस वक्त 4 डिजिट में है यानी कि इससे साफ है कि यह अधिक वैल्यूएशन लेवल पर कारोबार कर रहा है. आसान भाषा में कहें तो, इन्वेस्टर्स कंपनी द्वारा जेनरेट किए गए हर रुपये के एसेट्स या सेल्स के लिए बहुत ज्यादा कीमत चुका रहे हैं, जो कि आमतौर पर सट्टेबाजी में होता है. नतीजतन, इन्वेस्टर्स को सभी पैरामीटर्स पर ध्यान से विचार करना चाहिए और सिर्फ शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव के आधार पर फैसला नहीं लेना चाहिए.

     

    डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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