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    'बीजेपी के लिए सेक्युलरिज्म उतना ही कड़वा शब्द, जितना नीम का फल', स्टालिन का केंद्र सरकार पर हमला

    2 days ago

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई में आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा स्वीकार नहीं है और वह संविधान से सेक्युलरिज़्म को खत्म करने की सोच रखती है. स्टालिन ने कहा कि भाजपा के लिए सेक्युलरिज़्म उतना ही कड़वा है, जितना नीम का फल.

    PTI के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता और आपसी भाईचारे में है, लेकिन कुछ ताकतें इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं. एमके स्टालिन ने कहा कि क्रिसमस सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि करुणा, प्रेम और शांति का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे बहुधार्मिक देश में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदायों का आपसी सम्मान और साथ रहना बेहद जरूरी है. ऐसे आयोजन समाज में आपसी समझ और सौहार्द को मजबूत करते हैं.

    महिला शिक्षा में सारा टकर का ऐतिहासिक योगदान

    अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने 19वीं सदी की प्रसिद्ध ईसाई समाजसेविका सारा टकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने दक्षिण तमिलनाडु में महिलाओं की शिक्षा की नींव रखी. तिरुनेलवेली क्षेत्र में शुरू की गई उनकी पहल आज भी हजारों महिलाओं को शिक्षा के अवसर प्रदान कर रही है. स्टालिन ने कहा कि सारा टकर कॉलेज जैसी संस्थाएं सामाजिक बदलाव की मिसाल हैं.

    अल्पसंख्यकों के लिए DMK की प्रतिबद्धता

    मुख्यमंत्री ने दावा किया कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ही वह राजनीतिक ताकत है जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों और कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि DMK के शासनकाल में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिससे उनका सामाजिक और शैक्षणिक विकास हुआ.

    तमिलनाडु सरकार की योजनाओं का जिक्र

    स्टालिन ने बताया कि उनकी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए तीर्थयात्रा सहायता बढ़ाई है, चर्चों के नवीनीकरण और संरक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं और कई जिलों में कब्रिस्तानों के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है.उन्होंने यह भी कहा कि अब शिक्षण संस्थानों को अपने शिक्षक चुनने का अधिकार दिया गया है, जिससे उनकी स्वायत्तता बनी रहे.

    केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

    मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून जैसे फैसलों का DMK ने हमेशा विरोध किया है, जबकि कुछ अन्य दलों ने इसका समर्थन किया. स्टालिन ने दोहराया कि उनकी पार्टी हर उस नीति के खिलाफ खड़ी होगी, जो देश की एकता और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाए.

    एक राष्ट्र, एक पहचान की सोच पर सवाल

    एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि भाजपा देश पर एक ही धर्म, एक ही भाषा, एक ही संस्कृति और एक ही नेतृत्व थोपना चाहती है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और DMK में इतनी ताकत है कि वे इस सोच को कभी सफल नहीं होने देंगे.

    मतदान अधिकारों को लेकर चेतावनी

    स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभी अधूरी है. उन्होंने आशंका जताई कि केंद्र सरकार मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर सकती है, लेकिन DMK हर स्तर पर इसका विरोध करेगी और लोकतंत्र की रक्षा करेगी.

    15 वर्षों से जारी क्रिसमस परंपरा

    स्टालिन ने बताया कि DMK विधायक एस. इनिगो इरुदयाराज पिछले 15 वर्षों से समानता और भाईचारे के प्रतीक के रूप में क्रिसमस समारोह आयोजित कर रहे हैं. यह कार्यक्रम ‘मणिथनेय मगत्वा क्रिसमस पेरुविज़ा 2025’ के तहत संपन्न हुआ.

    ये भी पढ़ें: कर्नाटक में बदलेगा CM? डीके शिवकुमार बोले- हाईकमान बुलाएगा तो दोनों दिल्ली जाएंगे

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