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    Artificial Sweeteners: दिल और दिमाग को डैमेज कर रही कोल्ड ड्रिंक और च्युइंगम की मिठास, स्टडी में हुआ खुलासा

    8 hours ago

    कोल्ड ड्रिंक, शुगर फ्री च्युइंग गम और डाइट प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं, लेकिन अब एक स्टडी में ऐसा खुलासा हुआ है, जो आपको डरा देगा. दरअसल, 2025 की लेटेस्ट स्टडीज में सामने आया है कि कोल्ड ड्रिंक और च्युइंगम की मिठास से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं और दिमाग की कार्यक्षमता कम हो रही है. बता दें कि एस्पार्टेम, एरिथ्रिटॉल, जाइलिटॉल जैसे स्वीटनर्स दिल में सूजन, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

    क्या होते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर्स?

    गौरतलब है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स चीनी से 200 गुना ज्यादा मीठे होते हैं, लेकिन इनमें कैलोरी बहुत कम होती है. इनमें मुख्य रूप से एस्पार्टेम (डाइट कोक, शुगर फ्री प्रोडक्ट्स में), एरिथ्रिटॉल और जाइलिटॉल (शुगर फ्री गम, कैंडी, टूथपेस्ट में), सुक्रालोज और सेकेरिन शामिल हैं. ये डाइट सोडा, च्युइंग गम, योगर्ट, बेकरी आइटम्स और कई पैकेज्ड फूड में मिलते हैं.

    दिल को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं नुकसान?

    बायोमेडिसिन एंड फार्माकोथेरेपी की 2025 की एक स्टडी में चूहों पर एस्पार्टेम का असर देखा गया. जांच में सामने आया कि इसकी कम डोज में भी दिल की मांसपेशियां मोटी हो गईं, जिससे दिल कमजोर होता है. वहीं, क्लीवलैंड क्लिनिक की स्टडीज (2024-2025) में बताया गया कि एरिथ्रिटॉल और जाइलिटॉल ब्लड प्लेटलेट्स को चिपकाते हैं, जिससे खून के थक्के बनते हैं. ये थक्के दिल या दिमाग में जाकर अटैक या स्ट्रोक कराते हैं. इनका ज्यादा सेवन करने वालों में हार्ट अटैक का खतरा 50 पर्सेंट तक बढ़ जाता है. 

    दिल्ली के जीबी पंत हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. मोहित गुप्ता के मुताबिक, एरिथ्रिटॉल और जाइलिटॉल जैसे स्वीटनर्स ब्लड क्लॉटिंग बढ़ाते हैं. ये शुगर फ्री प्रोडक्ट्स में आम हैं, लेकिन हार्ट रिस्क बढ़ा रहे हैं. इनसे डायबिटीज वाले मरीजों में खतरा ज्यादा रहता है.

    दिमाग पर कैसे पड़ता है असर?

    सितंबर 2025 की न्यूरोलॉजी जर्नल स्टडी में 12700 लोगों पर 8 साल तक रिसर्च की गई. इसमें देखा गया कि ज्यादा स्वीटनर्स खाने वालों में याददाश्त और सोचने की क्षमता तेजी से घटी. ऐसे लोगों की याददाश्त में 62 पर्सेंट से ज्यादा गिरावट देखी गई. वहीं, 60 साल से कम उम्र वालों में वर्बल फ्लुएंसी और कॉग्निशन पर बुरा असर देखा गया. 

    ये हैं बचाव के तरीके

    • लेबल पढ़ें: शुगर फ्री या डाइट प्रोडक्ट्स में स्वीटनर्स चेक करें.
    • कम इस्तेमाल करें: प्राकृतिक मीठे जैसे फल, शहद चुनें.
    • डॉक्टर की सलाह: डायबिटीज या हार्ट प्रॉब्लम वाले डॉक्टर से सलाह लें.
    • बैलेंस्ड डाइट: ज्यादा पानी, फल-सब्जियां खाएं.
    • फिटनेस पर ध्यान: एक्सरसाइज और अच्छी नींद रखें.

    ये भी पढ़ें- भारत के लिए बड़ा खतरा बन रहा कैंसर, 2040 तक देश में होंगे 20 लाख मरीज

    Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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