Search

    Language Settings
    Select Website Language

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policy, and Terms of Service.

    dailyadda

    Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश में वन्यजीव सुरक्षा पर सवाल! सड़क और ट्रेन हादसे में बाघिन और तेंदुए की मौत

    1 day ago

    Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. राज्य में एक ही दिन अलग-अलग दुर्घटनाओं में एक बाघिन और एक तेंदुए की मौत हो गई. यह घटनाएं पल्नाडु और कर्नूल जिलों में हुईं, जिससे वन विभाग के साथ-साथ सरकार और पर्यावरणविदों की चिंता बढ़ गई है.

    राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाघिन की दर्दनाक मौत

    पहली घटना पल्नाडु जिले में नागार्जुन सागर–श्रीशैलम टाइगर रिजर्व (NSTR) क्षेत्र में सामने आई. मंगलवार सुबह शिगिरिपडु चेक पोस्ट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-565 पर सड़क पार करते समय एक बाघिन की अज्ञात वाहन से टक्कर हो गई. इस हादसे में करीब 12 साल की बाघिन, जिसे ‘टाइगर-80’ के नाम से जाना जाता था, की मौत हो गई.

    वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, घटनास्थल पर खून के स्पष्ट निशान नहीं मिले, लेकिन पैरों के निशानों से पता चला कि घायल बाघिन कुछ दूरी तक चलने के बाद गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई. आशंका जताई जा रही है कि घना कोहरा और सड़क का मोड़ होने के कारण वाहन चालक को बाघिन दिखाई नहीं दी और यह हादसा हो गया.

    जांच के आदेश, दोषियों पर होगी कार्रवाई

    मार्कापुरम के डीएफओ अब्दुल ने बताया कि इस मामले में केस दर्ज कर जांच समिति गठित कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जिस वाहन से टक्कर हुई है, उसकी पहचान की जा रही है और दोषी पाए जाने पर वाहन मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

    दूसरी घटना कर्नूल जिले के आदोनी मंडल में कुप्पगल्लू रेलवे स्टेशन के पास हुई. यहां रेलवे ट्रैक पार करते समय तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से एक तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई. रेलवे पुलिस की सूचना पर वन विभाग की रेंज अधिकारी तेजस्विनी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू की.

    उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने जताया दुख

    एक ही दिन दो वन्यजीवों की मौत पर आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और वन मंत्री पवन कल्याण ने गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने दोनों घटनाओं की तत्काल और विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही निर्देश दिया है कि बाघिन की मौत के लिए जिम्मेदार वाहन का जल्द पता लगाकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने रेलवे ट्रैक पर होने वाली वन्यजीव दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी जोर दिया.

    नागार्जुन सागर–श्रीशैलम टाइगर रिजर्व भारत का सबसे बड़ा बाघ संरक्षण क्षेत्र माना जाता है. यहां बाघों की संख्या बढ़ने के कारण जंगल और आसपास के इलाकों में उनकी आवाजाही भी बढ़ी है. ऐसे में सड़क और रेल मार्गों पर हादसों का खतरा लगातार बना रहता है.

    वन्यजीव सुरक्षा के लिए जरूरी कदम

    पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे लाइनों पर वन्यजीवों के लिए अंडरपास, इको-ब्रिज और फेंसिंग की व्यवस्था जरूरी है. साथ ही स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड, थर्मल कैमरे और रात के समय वाहनों की गति सीमा सख्ती से लागू की जानी चाहिए.

    वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत बाघ और तेंदुआ संरक्षित प्रजातियां हैं. उनकी मौत का कारण बनने वाले मामलों को गैर-जमानती अपराध माना जाता है. दोषी पाए जाने पर भारी जुर्माने के साथ 7 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है.

    Click here to Read More
    Previous Article
    दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर भड़के गडकरी, कहा- 'मैं यहां तीन दिन रहता हूं और मुझे एलर्जी...'
    Next Article
    Kolkata Weather: कोलकाता में गिरा पारा, छाएगा घना कोहरा, जानें मौसम का ताजा अपडेट

    Related इंडिया Updates:

    Are you sure? You want to delete this comment..! Remove Cancel

    Comments (0)

      Leave a comment