SEARCH

    Language Settings
    Select Website Language

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    सरकार ने बनाई जांच कमेटी, DGCA ने नए नियमों में दी छूट... इंडिगो संकट से निपटने के लिए अबतक क्या-क्या हुआ एक्शन?

    2 days ago

    भारत की सबसे बड़ी इंडिगो एयरलाइंस, जो हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा यात्रियों को उड़ाती है, पिछले 10-12 दिनों से अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. दिसंबर की शुरुआत में अचानक हर दिन 400-600 उड़ानें रद्द होने लगीं. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और इंदौर जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर हंगामा मच गया. लोग घंटों लाइन में खड़े रहे, टिकट के पैसे दोगुने-तीन गुने हो गए और सोशल मीडिया पर गुस्सा फूट पड़ा. सबके मन में सवाल है कि आखिर इंडिगो के साथ हो क्या रहा है?

    इंडिगो मामले में सरकार ने अब तक 7 बड़ी कार्रवाई की

    1. 4 दिसंबर 2025 को सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू किंजरापु ने बड़ी समीक्षा बैठक की. इसमें MoCA, DGCA, AAI और इंडिगो के सीनियर मैनेजमेंट शामिल थे. मंत्री ने कहा कि यात्री सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए और तुरंत हालात सामान्य किए जाएं.
    2. इंडिगो की ऑपरेशनल दिक्कतें समझते हुए DGCA ने एक बार की छूट दी, जिससे 10 फरवरी 2026 तक कुछ FDTL नियमों में लचीलापन मिलेगा. DGCA हर 15 दिन में इस छूट की समीक्षा करेगा और इंडिगो से लगातार सुधार की रिपोर्ट लेगा. खासकर क्रू की कमी और हायरिंग पर.
    3. DGCA ने सभी पायलट एसोसिएशनों से अपील की है कि वह विंटर वेकेशन और शादी के सीजन की भारी मांग को देखते हुए इंडिगो को पूरा सहयोग दें.
    4. DGCA ने इंडिगो को और राहत देते हुए यह अनुमति दी कि अभी जो पायलट ट्रेनिंग या दूसरे कामों में लगे थे, उन्हें भी फ्लाइंग ड्यूटी में भेजा जा सकेगा. अभी 12 FOIs (DGCA अधिकारी जो खुद इंडिगो से डेप्यूटेशन पर हैं) को भी एक हफ्ते के लिए उड़ानें भरने की अनुमति दी गई है.
    5. इंडिगो के 12 लाइसेंस प्राप्त FOIs, जिनकी वरिष्ठता कम है, उन्हें DGCA ने फ्लाइंग ड्यूटी से मुक्त कर दिया है. ताकि वे DGCA की जांच और निरीक्षण में मदद कर सकें.
    6. DGCA ने इंडिगो के कंट्रोल सेंटर में भी अपनी टीम तैनात की है, जो रियल टाइम में उड़ानों की निगरानी कर रही है. खासकर देरी, कैंसलेशन और पैसेंजर सुविधा पर.
    7. DGCA ने एक चार-सदस्यीय जांच कमिटी बनाई है, जो यह पता लगाएगी कि इंडिगो में इतनी बड़ी ऑपरेशनल गड़बड़ी क्यों हुई. कमेटी यह भी तय करेगी कि किसकी क्या जिम्मेदारी थी और आगे सुधार के उपाय कितने प्रभावी हैं.

    सरकार के नए नियमों से गड़बड़ हुई
    केंद्र सरकार के नए पायलट ड्यूटी नियम (FDTL Phase-2) लागू हो गए और इंडिगो इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी.  पायलट यूनियन ने जनवरी 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. इसमें पायलट के ज्यादा काम के घंटे और थकान से फ्लाइट सेफ्टी का मुद्दा उठाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL नियमों में बदलाव किए. यह नियम दो हिस्सों में लागू होने थे.

    1 जुलाई 2025 को पायलट्स को आराम देने के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नियम लागू किए गए थे. इसके तहत एयरलाइन कंपनियों के लिए पायलटों को हफ्ते में 36 घंटे के बजाय 48 घंटे आराम, यानी दो दिनों का वीकली रेस्ट देना अनिवार्य कर दिया. इस दौरान किसी छुट्टी को वीकली रेस्ट गिनने पर रोक लगा दी थी. मकसद बहुत अच्छा था कि पायलट जितना कम थकेगा, उड़ान उतनी ही सुरक्षित रहेगी. लेकिन इन नियमों ने पायलटों की उपलब्धता ही 15-20% कम कर दी.

    FDTL के दूसरे फेज में 1 नवंबर से DGCA) ने पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के लगातार नाइट शिफ्ट पर भी पाबंदी लगा दी थी.

    • पहले हफ्ते में 36 घंटे रेस्ट मिलता था, अब 48 घंटे अनिवार्य है. यानी हर पायलट हफ्ते में करीब एक दिन कम उड़ सकता है.
    • रात की ड्यूटी पहले 12 बजे से सुबह 5 बजे तक मानी जाती थी, अब सुबह 6 बजे तक. यानी पूरा एक घंटा और बढ़ गया.
    • एक हफ्ते में पायलट सिर्फ 2 नाइट लैंडिंग ही कर सकता है, पहले 6 तक की छूट थी.
    • लगातार दो रात से ज्यादा नाइट ड्यूटी नहीं की जा सकती.
    • सबसे खतरनाक नियम कि अगर फ्लाइट रात 12 बजे के बाद भी 1 मिनट चल गई, तो पूरी ड्यूटी नाइट ड्यूटी मान ली जाती थी और पायलट अगले दिन सुबह की 1-2 फ्लाइट्स नहीं उड़ा पाता था.

    इसका मतलब एक ही था कि एक पायलट पहले जितनी उड़ानें उड़ा सकता था, अब उतनी नहीं उड़ा पाता है.

    पिछले 4 दिनों में 1700 फ्लाइट्स रद्द
    DGCA की मीटिंग में इंडिगो ने खुद माना कि उन्होंने पायलटों की असल जरूरत का गलत अनुमान लगाया. नए नियम लागू होने के बाद क्रू उपलब्धता कम होगी,यह समझने में गलती की. रोस्टर बनाने में देरी और कमी रह गई और Phase-2 के लिए तैयारी अधूरी थी. नए नियमों के आने के बाद इंडिगो पायलट्स और दूसरे स्टाफ की कमी दूर नहीं कर पाई और पिछले 4 दिनों में इंडिगो ने 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कीं.

    दिल्ली में सबसे ज्यादा 225 फ्लाइट्स रद्द हुई हैं. पुणे में 32 फ्लाइट्स रद्द हो गईं. हैदराबाद एयरपोर्ट पर 3 दिनों में 197 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, तो शमशाबाद एयरपोर्ट पर 155 उड़ानें रद्द हैं. बेंगलुरु102 फ्लाइट्स रद्द हुई हैं.

    नए नियमों का इंडिगो पर सबसे ज्यादा असर

    इंडिगो का पूरा बिजनेस मॉडल ही ज्यादा उड़ानें, कम कीम और तेज टर्नआउट पर चलता है. इसकी 70% से ज्यादा फ्लाइट्स रात में या देर रात तक चलती हैं. छोटे-छोटे रूट्स पर बार-बार उड़ानें भरती हैं. जब नए नियम आ तो पायलट एकदम से कम पड़ गए.

    सबसे बड़ी गलती यह हुई कि इंडिगो ने 18-20 महीने का समय मिलने के बावजूद नए नियमों के हिसाब से पायलट नहीं बढ़ाए. बाकी एयर इंडिया, विस्तारा और अकासा एयर जैसी एयरलाइंस ने पहले ही पायलट्स की भर्ती कर ली थी. इंडिगो यह बदलाव मैनेज नहीं कर पाई.

    नतीजतन, नवंबर के आखिरी हफ्ते से दिसंबर के पहले हफ्ते तक हर दिन सैकड़ों फ्लाइट्स रद्द हुईं. हजारों यात्री 24 घंटे भूखे-प्यासे एयरपोर्ट पर फंसे रहे. फ्लाइट्स का किराया आसमान छूने ला. शेयर मार्केट में कंपनी के शेयर 10-12% तक गिर गए.

    सरकार ने बीच के रास्ते से समाधान निकाला
    यात्रियों की भयंकर परेशानी और पूरे एविएशन सिस्टम के ध्वस्त होने के डर से DGCA को झुकना पड़ा. 5 दिसंबर 2025 को तुरंत राहत देते हुए ऐलान किया कि अब अगर फ्लाइट रात 12 बजे के बाद थोड़ी भी चली जाए, तो उसे पूरा नाइट ड्यूटी नहीं माना जाएगा. यानी पायलट अगले दिन सुबह की फ्लाइट आराम से उड़ा सकेगा.  वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को वापस ले लिया. सिविल एविएशन मिनिस्टर ने सभी एयरलाइंस कंपनियों को फ्लाइट कैंसिल होने पर खुद पूरा रिफंड देने का निर्देश दिया है. साथ ही फंसे लोगों को होटल में ठहरने के लिए उचित व्यवस्था करने को कहा है.

    लेकिन ये छूट मुफ्त में नहीं मिली. DGCA ने इंडिगो के ऊपर सख्त निगरानी रखी है-

    • हर 15 दिन में पूरी रिपोर्ट देनी होगी कि कितने पायलट बढ़ाए और रोस्टर कैसे ठीक किया.
    • 30 दिनों में पूरा रोडमैप देना होगा कि 10 फरवरी 2026 तक नए नियमों का 100% पालन कैसे करेंगे.
    • सुरक्षा से जुड़े बाकी सभी नियमों में एक इंच भी ढील नहीं मिलेगी.

    तो फिर अब आगे क्या होगा?
    इंडिगो ने माफी मांग ली है और कहा है कि 10-15 दिसंबर तक ज्यादातर फ्लाइट्स नॉर्मल हो जाएंगी और जनवरी तक सब पूरी तरह ठीक हो जाएगा. कंपनी अब तेजी से पायलट हायर कर रही है और रोस्टरिंग सिस्टम बदल रही है. लेकिन इस पूरे मामले ने एक बड़ा सबक दिया है कि भारत में एविएशन इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि सिर्फ एक कंपनी के पास 60% से ज्यादा मार्केट है. अगर वो लड़खड़ाए तो पूरा एविएशन सिस्टम लड़खड़ाता है. अब सरकार और बाकी एयरलाइंस भी समझ गई हैं कि अगले 5 साल में हजारों नए पायलट और सैकड़ों नए विमान चाहिए, वरना ऐसे संकट बार-बार आएंगे.

    Click here to Read More
    Previous Article
    कच्चे तेल की सप्लाई, न्यूक्लियर प्लांट और स्पेस सेक्टर में मदद... पुतिन के दौरे से भारत को क्या-क्या मिला?
    Next Article
    असम की ब्लैक टी, कश्मीरी केसर से लेकर बंगाल का सिल्वर सेट तक... PM मोदी ने पुतिन को दिए ये गिफ्ट, PHOTOS

    Related इंडिया Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment